काव्यांशी का नाम सुनते ही उसके ऑफिस में सभी के अंदर एक अंजना भय समां जाता था, सभी को पता था की वो कब क्या करेगी किसी को नहीं मालूम, वो बहुत ही घमंडी स्वाभाव की लड़की थी, और अपने आप को सबसे ऊपर समझती थी, २५ साल की काव्यांशी एक बड़ी टेक्सटाइल्स कंपनी की मालकिन थी, वो मालकिन क़ाबलियत की वजह से नहीं थी, बल्कि रमेश तलवार की एकलौती बेटी होने के कारन हो गयी थी ---- और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे।